सुप्रीम कोर्ट ने जनसंख्या नियंत्रण की याचिका पर केन्द्र सरकार को दिया नोटिस

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नई दिल्ली। जनसंख्या नियंत्रण की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कारगर गाइडलाइंस जारी करने व उचित नियम बनाने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है। जस्टिस केएम जोसफ और ऋषिकेश राय की एक बेंच ने सरकार से प्रतिक्रिया मांगी। साथ ही मामले को इसी तरह की लंबित याचिकाओं के साथ टैग कर दिया।

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने दायर की याचिका
अखिल भारतीय संत समिति के जनरल सेक्रेटरी, डांडी स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने यह याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका में कहा है कि हर साल जनसंख्या बढ़ रही है लेकिन प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं और इसलिए कठिनाईयां आ रहीं हैं। इससे बेरोजगारी, गरीबी तो बढ़ ही गई है। साथ ही खाने की सप्लाई और स्वास्थ्य सुविधाओं के सीमित होने से मुश्किलें भी लाजिमी हैं।

महीने के पहले संडे को हेल्थ संडे घोषित करने की मांग
जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि केंद्र सरकार को इसके लिए कारगर और प्रभावी नियम कानून व उचित गाइडलाइन बनाने के आदेश दिए जाएं ताकि देश के लाखों लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके। इसके अलावा याचिका में महीने के पहले रविवार को ‘हेल्थ संडे’ घोषित करने की मांग है ताकि इस दिन लोगों के बीच जनसंख्या बढऩे से होने वाले दुष्परिणाम व परिवार नियोजन के तरीकों से लोगों को अवगत कराया जा सके। याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत के विधि आयोग को तीन माह के भीतर जनसंख्या नियंत्रण के उपायों पर एक रिपोर्ट तैयार करने और इसकी समीक्षा के लिए सरकार को सोंपने का आदेश दें।
याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में भारत की आबादी 1.39 बिलियन के करीब है जो दुनिया की जनसंख्या का 17.8 फीसद है लेकिन भारत के पास दुनिया का केवल 2 फीसद उपजाऊ जमीन है और 4 फीसद पेयजल। अमेरिका में 10,000 बच्चों का प्रतिदिन जन्म होता है और भारत में हर दिन 70 हजार बच्चे पैदा होते हैं।