अब पेट्रोल पम्प पर बैंक यूपीआई से ही पेमेंट

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लखनऊ। पेट्रोल पम्पों पर वॉलेट की जगह बैंक यूपीआई से ही भुगतान कर सकेंगे। यानी आपके पास पेटीएम या कोई और
वॉलेट है लेकिन वह आपके बैंक से लिंक नहीं तो भुगतान नहीं कर पाएंगे। आरबीआई के निर्देश पर यह व्यवस्था लागू हो रही है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन ऑयल के लखनऊ मंडल में 350 पम्पों पर व्यवस्था शुरू हो गई। जल्द ही सभी 500 पम्पों पर इसे लागू किया जाएगा। उत्तर प्रदेश प्रथम में आने वाले 43 जिलों में आईओसी के कुल तीन हजार पम्प हैं। इनमें से 1675 में यह लागू हो चुकी है। आईओसी के अनुसार इसका बड़ा लाभ भी है जो ईंधन भरवाने वालों को मिलेगा। उसने जितना ईंधन भरवाया उसका रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा। ऐसे में शिकायतें नहीं आएंगी कि जितना कहा गया उतना तेल नहीं पड़ा। इसी तरह इंडियन ऑयल प्रत्येक 75 रुपये की ईंधन खरीद पर प्वाइंट देता है। पेमेंट करते ही अपने आप वे प्वाइंट जुड़ जाएंगे जिनको बाद में पेट्रोल या डीजल लेने में कैश कराया जा सकता है।
पहले पम्पों पर पेटीएम व अन्य वॉलेट के क्यूआर कोड लगे होते थे। इन कोड को स्कैन कर के भुगतान किया जा सकता था। अब आईओसी ने अपने पम्पों पर आईटीपीएस पॉश मशीनें उपलब्ध करा दी हैं। इनका क्यूआर कोड सीधे यूपीआई के जरिए बैंक से भुगतान को एक्सेस देता है।
ऐसे करता है वॉलेट भुगतानउदाहरण के लिए आपके पास पेटीएम वॉलेट है लेकिन बैंक से लिंक नहीं। आप किसी मित्र या रिश्तेदार से पेटीएम वॉलेट में पैसे मंगवा सकते हैं। जहां पेटीएम का क्यूआर कोड है उसे भुगतान भी कर सकते हैं। मौजूदा समय चाय पकौड़ों की दुकानों से लेकर पंचर मैकेनिक के पास भी पेटीएम का क्यूआर कोड है। यदि क्यूआर कोड पेटीएम का नहीं है तो आप बिना बैंक से लिंक पेटीएम या अन्य वॉलेट ऐप से भुगतान नहीं कर पाएंगे। आपकी पेटीएम ऐप का बैंक से लिंक होना आवश्यक है।

वॉलेट और बैंक यूपीआई में अंतर
ऑनलाइन यानी डिजिटल भुगतान दो तरीकों से होता है। एक यूपीआई या डिजिटल वॉलेट। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई दो बैंक खातों के बीच तुरंत पैसा भेजने का माध्यम है। यूपीआई वर्चुअल पेमेंट एड्रेस और पहचान का प्रयोग करता है।