बेंगलुरु। बेंगलुरु में हाल ही में हुई भारी बारिश के बाद जलभराव के समाचारों ने समूचे देश का ध्यान आकर्षित किया। तमाम लोगों को अपना घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। इससे व्यापक आर्थिक नुकसान की भी आशंका जताई जा रही है। दरअसल दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं। चाहे बांग्लादेश या पाकिस्तान में आई बाढ़ हो, राजस्थान के कुछ हिस्सों और बेंगलुरु में हुई अत्यधिक बारिश जैसी घटनाओं ने दिखाया है कि कैसे दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल आन क्लाइमेट चेंज (आइपीसीसी) ने पिछले साल चेतावनी दी थी कि अगर कार्बन उत्सर्जन अनियंत्रित रहा तो आने वाले वर्षों में पूरे दक्षिण एशिया में चरम मौसमी घटनाओं में वृद्धि होगी। बढ़ते शहरीकरण के साथ हमारे शहर अधिक जोखिम में हैं, क्योंकि मानव जीवन के नुकसान, संपत्ति की क्षति और आर्थिक नुकसान की मात्रा ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, दिल्ली और चेन्नई जैसे शहर लाखों लोगों के घर हैं और जलवायु जोखिम इतना अधिक है।