लखीमपुर। मझरा पूरब के गांव पारसपुरवा में बाघ के हमले में मारे गए किशोर की मौत के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने वन विभाग की जीप को पंचर कर दिया और कई वन कर्मियों को बंधक भी बना लिया। एक दिन पहले अधिकारियों ने ग्रामीणों द्वारा बंधक बनाए गए रेंजर को छुड़ाने के लिए पीडि़त परिवार को आर्थिक मदद और तीन बीघा जमीन का पट्टा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन दूसरे दिन कांबिंग के लिए कोई टीम नहीं पहुंची जिससे ग्रामीण और ज्यादा आक्रोशित हो गए।
पारसपुरवा में अपने घर के पास ही गन्ने के खेत में पशुओं के लिए चारा लेने गए ग्रामीण पप्पू चौहान के 17 वर्षीय पुत्र किशन कुमार पर बाघ ने हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। ग्रामीणों द्वारा काफी खोजबीन के बाद देर शाम गन्ने के खेत से किशन कुमार का शव बरामद हुआ, जिसके बाद ग्रामीणों में दहशत के साथ-साथ आक्रोश फैल गया। सूचना पाकर दल बल के साथ गांव पहुंचे धौरहरा रेंजर गजेंद्र सिंह को ग्रामीणों ने काफी खरी-खोटी सुनाते हुए बंधक बना लिया था। देर रात गांव पहुंचे एसडीएम निघासन एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी ने पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता एवं तीन बीघा भूमि का पट्टा देने के आश्वासन पर सभी वन कर्मचारियों को बरी करवाया था। रेंजर सिंह ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि वह सुबह आकर आबादी क्षेत्र में विचरण कर रहे बाघ की लोकेशन लेंगे।