मानवता शर्मसार: जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखी लाश को कूतर गए चूहे

Listen to this article

गोरखपुर। मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखी युवक की लाश रात भर में चूहे खा गए। बदहाल जिला अस्पताल की मोर्चरी में मृतकों की लाश रखने के लिए न उन्हें डीप फ्रीजर मिला और न ही कफन। आलम यह है कि लाश खुले में ही पूरी रात रखी गई। सुबह जब परिजन पहुंचे तो उनमें से एक मृतक का चेहरा चूहों ने रात भर में कूतर डाला। यहां तैनात कर्मचारी राजू ने परिजनों से कहा, यह सब यहां के लिए आम बात है। इसके बाद परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। जानकारी के बाद लगभग तीन घंटे बाद सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे पहुंचे। उनका कहना है कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। ऐसा कैसे हुआ इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक बीते मंगलवार की शाम यहीं के रहने वाले हैदर अली का बेटा महबूब आलम 20, अनिरूद्र गौड़ का बेटा सुमीत गौड़ 22 और विशाल 20 पानी निकालने के लिए पंपिंग सेट लेने गए थे। तीनों ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते थे। वह पंपिंग सेट लेकर पिकअप गाड़ी से लौट रहे थे। लेकिन यहां की सडक़ें और गड्ढों की वजह से घर से कुछ दूरी पर ही पिकअप का पहिया गड्ढे में फंस गया और गाड़ी पलट गई। जिसमें सवार तीनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। परिवार और आसपास के लोग सभी घायलों को लेकर पहले खोराबार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। लेकिन यहां से डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। रात करीब 8 बजे परिवार के लोग तीनों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने महबूब आलम और सुमीत गौड़ को मृत घोषित कर दिया। जबकि विशाल को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। देर रात विशाल का मेडिकल कॉलेज में आपरेशन कर एक हाथ काटना पड़ा। उसकी भी हालत गंभीर बनी हुई है।
पूरी रात जमीन पर पड़ी रही लाश: पन्नू सिदृदीकी ने बताया, इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस पहुंची और लिखा-पढ़ी करने के बाद शव मोर्चरी में रखवाने लगी। लेकिन मोर्चरी में लाश रखने के कोई इंतजाम नहीं थे। यहां तैनात कर्मचारी राजू ने बताया, डीप फ्रीजर काफी दिनों से खराब पड़ा है। लाश ऐसे ही जमीन पर ही रखी जाती है। पन्नू के मुताबिक, उसने कर्मचारी से कहा कि मैं बाहर से फ्रीजर लेकर आता हूं, लेकिन कर्मचारी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि यहां बाहर से कोई सामान नहीं आ सकता। दोनों शव मोर्चरी में जमीन पर ही रख दिए गए।
कफन के लिए भी मांगे दो हजार रूपए: सुबह करीब 6 बजे जब परिजन मोर्चरी पहुंचे तो उन्होंने शव देखा। सुमीत गौड़ के शव का चेहरा और कान आधा गायब था। यह देख परिवार के लोग हैरान हो गए। उन्होंने कर्मचारी से पूछा तो उसने बताया, यह काफी मोटे-मोटे चूहे हैं। लाश चूहे कूतर गए। यह सब यहां के लिए आम बात है। ऐसा अक्सर होता है। यह सुनते ही परिवार के लोग बिफर पड़े और हंगामा शुरू कर दिया। बाद में पहुंची पुलिस और अस्पताल कर्मचारियों ने किसी तरह से मामला शांत कराया। पन्नू सिदृदीकी का आरोप है, यहां शव लपेटने के लिए कपड़े तक नहीं मिले। मोर्चरी पर तैनात तारा नाम की महिला ने कफन के लिए भी दो हजार रूपए की डिमांड की। पन्नू सिदृदीकी ने बताया, वे इसके खिलाफ पुलिस में केस भी दर्ज कराएंगे।