लखनऊ। विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सुबह से ही अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी काफी अक्रामक नजऱ आई। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुबह सबेरे 12 विधायकों के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की और उन्हें आजम खान के साथ ज्यादती रोकने की मांग का ज्ञापन दिया। राजभवन से लौटकर अखिलेश के विधानसभा पहुंचते ही पार्टी विधायकों ने सत्र का समय न बढ़ाने के विरोध में वॉकआउट कर दिया। पार्टी विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रश्नों का उत्तर नहीं दे रही है। अखिलेश ने कहा कि सिर्फ चार दिन सदन चला, कई सवालों पर सरकार का जवाब तक नहीं आया। सपा विधायकों के साथ वॉकआउट और पैदल मार्च में राष्ट्रीय लोकदल के विधायक भी शामिल रहे। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि का मामला उठाया और कहा कि सरकार छात्रों के साथ अच्छा नहीं कर रही है। शुक्रवार को सुबह 11 बजे सदन जैसे ही शुरू हुआ, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के आंदोलन और मंहगाई का मुद्दा उठाने की कोशिश की। इस पर अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि पहले प्रश्नकाल हो जाने दीजिये। इससे असंतुष्ट सपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा विधायक और पार्टी कार्यकर्ता विधानसभा से पैदल ही पार्टी तक के लिए निकल पड़े। रास्ते में सपा नेताओं ने कहा कि सरकार गूंगी बहरी हो चुकी है। वो सत्र चलाना नहीं चाहती। जनता के मुद्दों और विपक्ष के सवालों का सामना नहीं करना चाहिए। इस समय महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था सहित कई सारे मुद्दे हैं। ऐसे में सिर्फ चार दिन के सत्र का औचित्य नहीं है। सरकार इसे बढ़ाने को तैयार नहीं है। सपा नेताओं ने कहा कि गूंगी बहरी सरकार जनता की आवाज सुनाने के लिए अब वे सडक़ों पर उतरे है।