- सामूहिक दुष्कर्म में शुरुआती जांच में निर्दोष मिले युवकों के परिजनों से रुपये लेने का आरोप
- एसएसपी बोले, विवेचना में लापरवाही पर हुई कार्रवाई, जांच जारी
गोरखपुर। खोराबार थाने से छोड़ने के नाम पर धनउगाही कर करीब 3 लाख रुपये वसूलने के आरोप में घिरे थानेदार प्रदीप शर्मा को लाइनहाजिर और विवेचक दरोगा रणजीत को निलंबित कर दिया गया। मौखिक शिकायत के आधार पर एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने गोपनीय जांच के आधार पर कार्रवाई की है।
पूरे प्रकरण की जांच अभी जारी है। हालांकि, एसएसपी का कहना है कि विवेचना में लापरवाही में दरोगा पर कार्रवाई की गई है।
जानकारी के मुताबिक, 23 सितंबर को एक युवती ने सामूहिक दुष्कर्म की जानकारी दी थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि एक आरोपी से युवती की गहरी दोस्ती थी। उसके साथ ही युवती गई थी। अन्य आरोपियों की भूमिका नहीं मिलने पर पुलिस ने जांच के आधार पर कार्रवाई करने का फैसला किया। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई पूरे प्रकरण की मानीटरिंग कर रहे थे। पुलिस ने एक आरोपी को जेल भेजा और अन्य के भूमिका की जांच होने तक उन्हें छोड़ने का फैसला किया गया। आरोप है कि इसी तीनों को छोड़ने के एवज में पुलिस ने वसूली कर ली। मामला संज्ञान में आने पर सोमवार की रात सीओ कैंट जांच के लिए पहुंचे थे। उनसे खुलकर किसी ने कुछ नहीं बोला। परिजन लिखित देने से इंकार कर दिए, लेकिन शिकायतों के आधार पर एसएसपी ने कार्रवाई कर जांच का आदेश दे दिया है। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि थानेदार का स्थानांतरण सीबीसीआईडी में हो चुका है, उन्हें रिलीव कर दिया गया है। विवेचना में लापरवाही के आरोप में दरोगा निलंबित किए गए है। विभागीय जांच कराई जा रही है।