कोलकाता (पश्चिम बंगाल)। शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी और जेल में बंद पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर बुधवार को सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई। पार्थ को जमानत देने का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विरोध किया। ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि शिक्षा मंत्री रहते हुए पार्थ ने अपनी करीबी अर्पिता की बहन को सरकारी नौकरी दिलाई। आगे कहा कि पार्थ ने पत्नी की मौत के बाद उसकी कंपनी टेक्स्ट फैब प्राइवेट लिमिटेड के अधिकांश शेयर अर्पिता के नाम कर दिए। दोनों की जमानत का विरोध करते हुए 14,643 पन्नों के दस्तावेज कोर्ट में जमा किए हैं।
एबीपी आनंदा की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने कहा है कि अर्पिता के शॉपिंग बिल का भुगतान भी पार्थ ही करते थे। जांच एजेंसी ने आगे दावा किया कि अर्पिता और पार्थ दोनों थाइलैंड के फुकेट गए थे। एजेंसी ने दोनों की करीब 10 करोड़ रुपए की स्थाई-अस्थाई संपत्ति का ब्योरा भी कोर्ट में जमा किया है।