लाल बहादुर शास्त्री का कद हिमालय के समान ऊंचा और अडिग था: विधायक
नगर पंचायत कस्बा संग्रामपुर उनवल में विधायक व एमएलसी का भव्य स्वागत
खजनी (गोरखपुर)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती अवसर पर रविवार को खजनी तहसील के विधानसभा सहजनवां क्षेत्र नगर पंचायत कस्बा संग्रामपुर उनवल में हो रही शत चंडी महायज्ञ स्थल पर पहुंचे, जहां श्रद्धाालुओं समेत नगर पंचायत कस्बा संग्रामपुर उनवल अध्यक्ष उमाशंकर निषाद, उनवल मंडल अध्यक्ष राम प्रकाशचौरसिया, इंद्र कुमार निगम, सचिन्द्र नाथ मिश्र, मनोज साहनी, महेश दुबे, संतोष राम त्रिपाठी, जनार्दन तिरपाठी, राकेश राम त्रिपाठी, अमित राम त्रिपाठी, रामप्रकाश पांडेय, घनश्याम मिश्रा समेत सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर एमएलसी एवं सहजनवां विधायक का स्वागत किया। उसके बाद टेकवार चौराहे पर डाक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर जनप्रतिनिधि ने माल्यार्पण किया।
वहां से ग्राम पंचायत भिउरी पहुंचे, जहां भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य धर्मेंद्र सिंह, सहजनवां विधायक प्रदीप शुक्ला, पूर्व विधायक राजेंद्र बृजेश सिंह एवं डा अमित सिंह कंपोजिट विद्यालय के एक कमरे का उद्घाटन किया। वहीं महात्मा गांधी, भारत माता एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण एवं उनके समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
जयंती अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्र पिता महात्मा गांधी व्यक्ति नहीं विचार थे। पूरा विश्व आज भी महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित है और आजादी के आंदोलन में उनके अंहिसात्मक आंदोलन की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। उनके पद चिन्हों पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
विधायक सहजनवां ने कहा कि राष्ट्रपिता के साथ-साथ आज पूरा देश दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मना रहा है। लेकिन बहुत कम लोगों को ही मालूम होगा कि लाल बहादुर शास्त्री आजाद भारत के ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अपने 2 साल के कार्यकाल में ऐसा कार्य कर दिया जिसे याद कर देशवासियों का सीना आज भी फक्र से चौड़ा हो जाता है। पांच फीट 2 इंच लंबे शास्त्री जी का कद हिमालय के समान ऊंचा और अडिग बना दिया। विधायक शुक्ला ने अगस्त क्रांति के इतिहास पर प्रकाश डाला और वर्तमान में गांधी जी की विचारधारा पर चलने की आवश्यकता बताया।