महराजगंज। जिले में दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं। वैसे तो नेपाल की पहाडिय़ों पर हुई बारिश का पानी जिले में पहुंचने से सभी नदियों के जलस्तर में बढ़त दर्ज की गई है, लेकिन खासकर चंदन, प्यास और महाव की धारा लोगों को डरा रही है। चंदन का जलस्तर जहां अपने खतरे के निशान से पांच सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, वहीं प्यास 25 सेंटीमीटर और महाव नाला दो फीट ऊपर बह रही है। नारायणी नदी समेत जिले की समस्त नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। नारायणी नदी अपने खतरे के निशान 359.80 के सापेक्ष 357.70 पर है। इसी प्रकार बुधवार को 76.90 मीटर पर बह रही राप्ती का जलस्तर गुरुवार को 78.500 दर्ज किया गया। रोहिन नदी का जलस्तर 78.56 से बढक़र 82.030 मीटर, चंदन नदी 101 से बढक़र 101.10 मीटर, प्यास 100 से बढक़र 102.50 मीटर पर, जबकि महाव नाला तीन फीट से बढक़र सात फीट हो गया है।
जिले की सीमा से बहने वाली नदियों की स्थिति (गुरुवार चार बजे)
नदी का नाम खतरे का निशान बहाव की स्थिति
गंडक नदी 359.80 357.70 फीट, 3.03 लाख क्यूसेक
राप्ती नदी 80.30 78.500 मीटर
रोहिन नदी 82.44 82.030 मीटर
चंदन नदी 101.05 101.10 मीटर
प्यास नदी 102.25 102.50 मीटर
महाव पांच फीट सात फीट
डीएम ने नदियों के बढ़ते जलस्तर का लिया जायजा
जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने सीमावर्ती क्षेत्रों के नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर देर शाम निरीक्षण किया और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने ठूठीबारी में चंदन एवं झरही तथा बरगदवा में महाव नाले का जायजा लिया। उन्होंने नेपाल से आ रहे पानी के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि बढ़ते जलस्तर पर लगातार निगरानी की जाए, यदि कोई ऐसी स्थिति आती है तो उससे निपटने के इंतजाम पहले से होने चाहिए। तहसीलदार वाचस्पति सिंह, नायब तहसीलदार नवीन निश्चल त्रिपाठी एवं अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।