गोरखपुर में हत्या की कोशिश, पशु तस्करी व स्मैक के कारोबार जैसे अपराधों में लिप्त महिला हिस्ट्रीशीटरों ने पुलिस की नींद लंबे समय से उड़ा रखी थी। महिला होने के नाते ये अक्सर सख्त कार्रवाई से बच जाती थीं। अब पहली बार एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के आदेश पर इन १० महिला बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोलकर निगरानी शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 में सबसे पहले तिवारीपुर की गीता तिवारी का हिस्ट्रीशीट खोला गया और फिर गगहा पुलिस ने पशु तस्करी में जेल जा चुकी रिंकी गोस्वामी की हिस्ट्रीशीट खोल दी। इन दो बदमाशों के बाद एक बार फिर पुलिस महिला बदमाशों की ओर ज्यादा ध्यान नहीं दी, लेकिन अब पिछले दिनों खोले गए 36 बदमाशों में आठ महिला बदमाशों को भी शामिल कर हिस्ट्रीशीट खोल दी गई। अब पुरुष बदमाशों की तरह ही इनकी भी निगरानी की जा रही है, इन्हें भी हर हफ्ते थाने पर आकर हाजिरी लगानी होती है तो वहीं पुलिस भी इनके घर जाकर दरवाजा खटखटाकर इनके वर्तमान भूमिका की निगरानी करती है। इस संबंध में एसएसपी डा गौरव ग्रोवर का कहना है कि अपराध में संलिप्त बदमाशों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी है। अपराध में जो भी संलिप्त होगा, उस पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
इसमें महिला हो या पुरुष, सब पर कार्रवाई की जा रही है।
डीएम ने जिस गीता की शादी कराई वह बन गई गैंगेस्टर
तिवारीपुर इलाके के सूर्य विहार कॉलोनी निवासी गीता तिवारी का नाम थाने के हिस्ट्रीशीट नंबर 93ए पर दर्ज है। गीता तिवारी पर हत्या के प्रयास, लूट और गैंगस्टर सहित कई मामले दर्ज हैं। गीता शादी से पहले संवासिनी गृह में रहती थी।जनप्रतिनिधि रहे शिवकुमार तिवारी से उसकी शादी तत्कालीन डीएम ने कराई थी। बाद में वह स्मैक की तस्करी करने लगा। चार साल पहले शिवकुमार की मौत हो गई तो उसके सभी धंधे को गीता ने संभाल लिया। शिवकुमार पत्नी गीता के साथ कोतवाली इलाके में किराए के मकान में रहता था। करीब दस साल पहले गीता के घर पर छापा पड़ा तो पांच अपराधी पकड़े गए थे। इस मामले में पहली बार गीता जेल गई थी। अंतिम बार उसे 2021 में घर में जन्मदिन पार्टी में फायरिंग के आरोप में जेल भेजा गया था। वर्तमान में वह जमानत पर रिहा है।
दरोगा पर हमले की आरोपी रही है रिंकी
गगहा इलाके के कहला गांव की निवासी रिंकी गोस्वामी का नाम थाने के हिस्ट्रीशीट नंबर एक ए पर दर्ज है। उसके खिलाफ हत्या की कोशिश, साजिश रचने, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत छह केस दर्ज हैं। आरोप है कि रिंकी गोस्वामी उर्फ रिंकू पशु तस्करों के साथ मिलकर गिरोह का संचालन करती है। जेल में तैनात एक बंदी रक्षक की कार से चलने वाली रिंकी से उलझने में पुलिस कर्मचारी भी बचते थे। कार्रवाई करने पर रिंकी ने गगहा के एक कांस्टेबल को निलंबित कराने की धमकी भी दी थी। वर्ष 2017 में रिंकी ने कौड़ीराम में तैनात एक दरोगा पर जानलेवा हमला किया था। घटना तब हुई जब रिंकी तस्करी के पशु ले जा रही थी। दरोगा ने रोका तो उनपर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की गई थी। इस मामले में भी मुकदमा दर्ज हुआ था।
किशुन कुमारी उर्फ पंडिताईन ने की थी स्मैक की शुरुआत
राजघाट थाने की हिस्ट्रीशीटर नंबर 86ए पर किशुन कुमारी उर्फ पंडिताईन का नाम दर्ज है। राजघाट के चकरा अव्वल निवासी किशुन कुमारी अब शाहपुर में रहती है। इसने ही गोरखपुर में स्मैक के धंधे की शुरुआत की थी। राजघाट थाने से गैंगस्टर की कार्रवाई भी इसके ऊपर हो चुकी है। पंडिताइन पर कई केस दर्ज है। 2015 में 26 लाख के स्मैक के साथ जब पंडिताइन पकड़ी गई थी तो यह बात भी समाने आई थी कि एक दीवान के सह पर उसका पूरा धंधा चलता है। पुलिस से सांठगांठ कर उसने हिस्ट्रीशीट बंद भी करा ली थी, लेकिन फिर 31 अगस्त 2022 को उसकी हिस्ट्रीशीट खोल दी गई।
चोरी और नशे का धंधा करती है मंजू
राजघाट के चकरा अव्वल निवासी मंजू निषाद का हिस्ट्रीशीट नंबर है। वह नशे के साथ ही चोरी के आरोप में भी जेल जा चुकी है। स्व. छेदी निषाद की पत्नी मंजू पर दस मुकदमे दर्ज हैं। मंजू के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट, गैंगस्टर, चोरी के मुकदमे दर्ज है। अपराध में संलिप्त होने के बावजूद इसकी हिस्ट्रीशीट नहीं खोली जा रही थी। एसएसपी के आदेश 21 सितंबर को इसकी हिस्ट्रीशीट को राजघाट पुलिस ने खोल दी और अब इसकी निगरानी भी की जा रही है। पुलिस अपराध से कमाई गई इसकी संपत्ति पर भी नजर रखी है। उसका भी ब्योरा जुटाया जा रहा है, ताकि गैंगस्टर की कार्रवाई कर उसे जब्त किया जा सके।
जिले के महिला अपराधियों में इनके नाम भी शामिल
अहमदुन निशा पत्नी इकबाल हुसैन उर्फ पप्पू कबाड़ी,आरती देवी पत्नी देवा (देउरवीर, गगहा), कलमी पत्नी इंद्रजीत उर्फ अमरजीत (देवरिया, भस्मा, बेलीपार),रिंकू पत्नी सुनील (करवनिया, बड़हलगंज),रिंकू पत्नी दिनेश (लक्ष्मीपुर, बड़हलगंज),उर्मिला देवी पत्नी सीताराम (अमहिया, झंगहा)