आसान हो कानून की भाषा, गरीब भी समझे, मातृभाषा पर जोर: पीएम मोदी

Listen to this article

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानून की स्थिति और न्याय व्यवस्था को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कानून आसान और क्षेत्रीय भाषा में होने चाहिए, ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति भी नए कानून को समझ सके। इस दौरान उन्होंने लोक अदालतों को लेकर कुछ राज्यों की तारीफ की है। पीएम ने कहा कि इन्हें जल्दी न्याय दिलाने के लिए स्थापित किया गया था। विधि मंत्रियों और विधि सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पीएम मोदी ने कहा, देश के लोगों को सरकार का भाव भी नहीं लगना चाहिए और देश के लोगों को सरकार का दबाव भी महसूस नहीं होना चाहिए। देश ने डेढ़ हजार से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को रद्द कर दिया है। इनमें से अनेक कानून तो गुलामी के समय से चले आ रहे हैं।
शनिवार को पीएम ने कानून की आसान भाषा पर जोर दिया। उन्होंने कहा, युवाओं के लिए मातृभाषा में एकेडमिक सिस्टम भी बनाना होगा, लॉ से जुड़े कोर्सेस मातृभाषा में हो, हमारे कानून सरल, सहज भाषा में लिखे जाएं, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण केसेस की डिजिटल लाइब्रेरी स्थानीय भाषा में हो, इसके लिए हमें काम करना होगा।