मौसम विभाग: इस बार कोहरा और ठंड औसत से ज्यादा पडऩे के आसार

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गोरखपुर। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे को झेलने के लिए अभी से तैयार हो जाइए। इस बार कोहरा भी औसत से काफी ज्यादा पड़ेगा और ठंड भी मानक से ज्यादा पडऩे का पूर्वानुमान है। कोहरे वाले दिनों की संख्या औसत से दोगुना तक हो सकती है जबकि कड़ाके की ठंड वाले दिन में भी औसत से ज्यादा होंगे। यह पूर्वानुमान मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय ने आगामी मौसम पर अध्ययन के बाद जताया है।
मौसम विज्ञानी के अनुसार नवंबर से लेकर फरवरी तक महीना ठंड का काल माना जाता है, इसलिए ठंड के सारे आकलन इन्हीं चार महीने को ध्यान में रखकर ही किए जाते हैं। इन चार महीनों में कोहरे वाले दिनों का मानक बीते 45 वर्ष के आंकड़ों पर अध्ययन के बाद 28 दिन स्वीकृत है जबकि इस ठंड में इन दिनों की संख्या 48 से 50 दिन हो सकती है। कोई भी दिन कोहरे वाला दिन तब करार दिया जाता है जब दृश्यता एक किलोमीटर से कम हो जाती है। इसी तरह कोल्ड-डे और कोल्ड वेब वाले दिनों की संख्या भी मानक से अधिक होगी।
दिसंबर में पडग़ी हाड़ कंपाने वाली ठंड
कोल्ड-डे का मानक सात से आठ दिन है, जिसके इस बार 11 से 12 दिन होने की आशंका है जबकि कोल्ड-वेब वाले दिनों का मानक एक से दो है लेकिन इस बार के इन दिनों की संख्या भी दो से तीन हो सकती है। कोल्ड-डे ओर कोल्ड-वेब वाले दिनों से मुकाबला जनवरी में करना होगा। मौसम विज्ञानी के अनुसार नवंबर के मध्य से शुरू हो चुका ठंड का सिलसिला मार्च के पहले सप्ताह तक चल सकता है। हालांकि सताने वाली ठंड पडऩे का पूर्वानुमान दिसंबर के अंतिम सप्ताह से फरवरी के पहले सप्ताह तक ही है।

कोल्ड-डे व कोल्ड वेब का मानक
कोल्ड-डे का निर्धारण अधिकतम तापमान से होता है जबकि कोल्ड-वेब न्यूनतम तापमान से निर्धारित होता है। जिन दिन अधिकतम तापमान औसत से 4.5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस कम रिकार्ड किया जाता है, उस दिन को मौसम विभाग द्वारा कोल्ड-डे करार दिया जाता है। यदि यह तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस से भी कम हो जाता है तो वह दिन सीवियर कोल्ड-डे कहलाता है। इसी तरह जब न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस से कम होता है तो उस दिन को कोल्ड-वेब वाला दिन कहते हैं। इसका एक मानक औसत से 4.5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस तक कम होना भी होता है। इससे अधिक कम होने पर सीवियर कोल्ड वेब की परिस्थिति होती है।