पूर्व कुलपति विनय पाठक की कारस्तानी ने एकेटीयू पर डाला नकारात्मक असर, जांच में जुटी एसटीएफ

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लखनऊ। डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय ( एकेटीयू) के पूर्व कुलपति प्रो. विनय पाठक की कारस्तानी से विश्वविद्यालय पर भी नकारात्मक असर पडऩे लगा है। विनय पाठक कार्यकलाप की जांच चल रही है। पुलिस गिरफ्तारी के लिए पीछे पड़ी हुई है। इसमें एकेटीयू में विनय पाठक के कुलपति रहते समय टेंडर से लेकर कुछ राजकीय इंजीनियरिंग कालेजों की नियुक्तियों में भी हेरफेर की भी शिकायत हुई थी। इसे लेकर कई बार एसटीएफ की टीम एकेटीयू में जाकर पूछताछ कर चुकी है।
एकेटीयू पहली बार नैक मूल्यांकन की तैयारियों में जुटा हुआ है, ऐसे में एसटीएफ जिस तरह से विश्वविद्यालय में लगातार पहुंच रही है, उससे विश्वविद्यालय के अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इसका कहीं नैक मूल्यांकन पर नकारात्मक असर न पड़े। अभी ताजा मामला राजकीय इंजीनियरिंग कालेज अंबेडकरनगर को लेकर सामने आया है। यह कालेज एकेटीयू से संबद्ध् है। यहां पर वर्ष 2017 में नगर सहायक पद पर विकास पटेल की नियुक्ति हुई थी।
यह नियुक्ति कालेज के पूर्व निदेशक केएस वर्मा के समय हुई थी। उस चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों को शार्टलिस्ट किया गया था। उसमें अकादमिक परफार्मेंस स्कोर 40, रिसर्च परफार्मेंस स्कोर 10 और लिखित परीक्षा के 30 के आधार पर किया गया था। इसमें विकास को अकादमिक परफार्मेंस में 19.1 और रिसर्च परफार्मेंस स्कोर 1.0 और लिखित परीक्षा में 10.7031 अंक प्राप्त हुए थे। इसका योग 31.3031 हुआ था। आरोप है कि इस अंक के आधार पर गैरआरक्षित श्रेणी में शार्टलिस्ट होना संभव नहीं था। इसके लिए 80 में से 38.063 अंक प्राप्त करना आवश्यक था।