लखनऊ। प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश को सडक़ दुर्घटनाओं के मामले में उन राज्यों में शामिल कराना है जहां पर दुर्घटनाएं सबसे कम हैं। सडक़ सुरक्षा माह का वास्तविक परिणाम लाना ही इस अभियान का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। इसकी सार्थकता तभी है जब सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाले मृत्यु दर के आंकड़ों में भी सुधार आ सके।
विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में आयोजित सडक़ सुरक्षा माह के समापन अवसर पर जितिन प्रसाद ने कहा कि सडक़ों की मरम्मत व रख-रखाव की जिम्मेदारी उनके विभाग की है, जबकि उस पर चलने वाले वाहनों से संबंधित नियम, लाइसेंस की व्यवस्था की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की है। दोनों विभाग मिलकर काम करेंगे तो निश्चित तौर पर सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी। उन्होंने अधिकारियों को ब्लैक स्पाट चिह्नित करने व दुर्घटना बहुल क्षेत्रों में साइनेज लगाने के निर्देश दिए।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि सडक़ सुरक्षा मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकताओं में एक है। सडक़ सुरक्षा की दिशा में व्यापक परिवर्तन की जरूरत है। हमारे नौजवान जो देश का भविष्य हैं, उनकी सडक़ दुर्घटनाओं में मृत्यु दुखद है। आकड़ों के अनुसार 23 हजार की मृत्यु सडक़ दुर्घटनाओं में हो जाती है, जबकि कोरोना जैसे महामारी में भी होने वाली मृत्यु की संख्या इससे कम थी। उन्होंने अधिकारियों को सडक़ सुरक्षा के नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए। भले ही सडक़ सुरक्षा माह का समापन आज हो रहा है लेकिन सडक़ सुरक्षा पर कार्रवाई एवं नियमों का पालन करवाना परिवहन विभाग आगे भी जारी रखे।