आजकल क्या कह रहे अखिलेश

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(भाषणों का सारांश)

बीजेपी को कई बातों पर घेर रहे पूर्व सीएम

लखनऊ। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव आजकल कई बातें बोल रहे। उनके भाषणों को गौर से सुनिये तो लगभग 10-12 बातों की उन्होंने जैसे लिस्ट बना रखी हो। यहां वहां के भाषणों में अखिलेश यादव इन्हीं बातों को आधार बनाकर बीजेपी पर हमलावर हो रहे। हालांकि इस तरह से पहले कभी अखिलेश इतने तेवर में नहीं दिखते थे। जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा यूपी की सियासत में गरमाहट बढ़ती जा रही है। समाजवादी पार्टी की निगाहें खासकर किसानों और नौजवानों पर टिकी हुई हैं। अखिलेश यादव मतदाताओं से समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। वह अपने भाषणोंं में भाजपा की ओर से किये गये उन वादों को गिनाना नहीं भूल रहे जो पूरे नहीं सके हैं। इतना ही नहीं, अपनी सरकार आने पर व्यापक बदलाव और बेहतरी की बात भी कह रहे हैं। अखिलेश यादव के तमाम भाषणों और साक्षात्कार को सुनें तो एक बात साफ है कि कुछ लाइन उन्होंने हर सभा के संबोधन में इस्तेमाल की है। दरअसल, अखिलेश यादव बीजेपी को और बीजेपी अखिलेश यादव को राजनैतिक प्रतिद्वंदी के तौर पर प्रदेश की जनता के सामने पेश कर रहे। अखिलेश यादव जहां भी जा रहे यही कह रहे कि महंगाई चरम पर है, किसानों, नौजवानों के साथ धोखा हुआ है। हमें मिलकर भाजपा को सबक सिखाना है। उनका यह भी कहना है कि भारतीय जनता पार्टी जुमला पार्टी है। कुछ जगहों पर वह यह भी कहते सुने गये कि मोदी जी की रैलियों में भीड़ नहीं आ रही। भीड़ बुलाने की जिम्मेदारी प्रशासन को दी गई है। अखिलेश यादव अपनी बातों के क्रम में यह भी कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश को बर्बाद कर दिया है। महंगाई बढ़ी है, लोगों की कमाई घटी है। अखिलेश यहीं नहीं रूक रहे, उनका कहना है कि मौजूदा सरकार ने नौकरियां लेने काम किया है। उत्तर प्रदेश में कोई बड़ा नया निवेश अब तक नहीं आ सका है। बीजेपी हमारे ही कामों का फीता काट रही है। किसानों को खाद नहीं मिल रही है। बकौल अखिलेश यादव, बीजेपी कह रही हम महिलाओं का सम्मान करते हैं, स्थिति ठीक उलट है। यूपी में जंगलराज है। जहां बुलडोजर चलना चाहिए वहां नहीं चल रहा। अखिलेश यादव बार-बार कह रहे कि बुलडोजर लखीमपुर कब जाएगा। बीजेपी चुनाव देखकर लैपटॉप और फोन बांट रही। प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक हो रहा। वह यह भी कह रहे कि सबकुछ जानबूझकर सरकार इसलिए करा रही है क्योंकि सरकार को नौकरी और रोजगार न देना पड़ेे। बीजेपी की हर बात जनता के सामने हैं, जनता विकल्प के रूप में समाजवादी पार्टी को देख रही है। अटेवा, बीएड, बीपीएड, शिक्षामित्रों, रोजगार सेवकों को हक की लड़ाई लडऩे पर प्रदेश में अपमानित किया गया। अखिलेश यह भी कहते फिर रहे कि नौकरी और रोजगार के विज्ञापन वाले बड़े-बड़े होर्डिंग लखनऊ से दिल्ली तक लगाए गये हैं, लेकिन नौकरी, रोजगार किसी को नहीं है। भाषणों में अखिलेश यह भी कह रहे कि मैंने 100 नंबर पुलिस सेवा दी, लेकिन सरकार ने इसे 112 करके कबाड़ा कर दिया, जो योजनाएं चल रही थीं, बर्बाद हो गईं। अब बदलाव की जरूरत है। बहरहाल, 2022 में सत्ता के सिंहासन तक पहुंचने के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी में आमने सामने की लड़ाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने उप्र को मथना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री के बीच जुबानी जंग, इसमें पीएम मोदी का भी मैदान में डट जाना वोटरों को खूब पसंद आ रहा। अखिलेश यादव लगातार दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार बनने जा रही है, जनता ने मन बना लिया है।