प्रशिक्षु अफसरों ने ढेबरुआ थाने पहुंचकर समझी पुलिस की कार्यशैली

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गोरखपुर। लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी मसूरी से प्रशिक्षण के लिए आए 30 प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी सिद्धार्थनगर जिले में आएं हैं। यह पांच गांवों की ग्राम पंचायतों में ठहरे हैं। पहले प्रशिक्षु आइएएस ने बार्डर की सुरक्षा व्यवस्था को जाना। एसएसबी जवानों से वार्ता भी की थी। इसके बाद दो जनवरी को ढेबरुआ थाने पहुंचकर पुलिस की कार्यशैली जानी समझी। पुलिस के कार्य करने के ढंग को समझा।
इन अधिकारियों ने प्राप्त किया प्रशिक्षण
थाना क्षेत्र के भौगोलिक स्थिति की जानकारी ली। बढऩी ब्लाक के ग्राम पंचायत धनौरा बुजुर्ग में एलएक्स अब्राहम पीजे, जाधव शुभम पांडुरंग, नारायण शर्मा वीएस, श्रीकांत रामराव मोदक, उगेन तेसरिंग व विनोद कुमार मीणा प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आए हैं।

नेपाल की खुली सीमा की वजह से बरतनी पड़ती है सजगता
ढेबरुआ थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत धनौरा बुजुर्ग में ठहरे प्रशिक्षु आइएएस ने थाना का निरीक्षण किया। एसओ ढेबरुआ ब्रम्हा गौड़ ने बताया कि थाने की उत्तरी सीमा नेपाल से जुड़ी है। इस क्षेत्र में मिश्रित आबादी निवास करती है। नेपाल की खुली सीमा होने के कारण यहां हमेशा सजगता बरतनी पड़ती है। सुरक्षा बल की सतर्कता के कारण सीमा पर तस्करी की घटनाओं में कमी आई है।

अपराध रजिस्टर के बारे में दी गई जानकारी
प्रशिक्षु आइएएस दल के नेतृत्वकर्ता एलएक्स अब्राहम पीजे के साथ अन्य सभी सदस्यों को बताया कि थाना में एक अपराध रजिस्टर होता है। जिसमें अपराध से संबंधित सभी जानकारी समाहित किया जाता है। पहले के समय में गांव में होने वाली मौत की सूचना भी इसी में दर्ज की जाती थी। मालखाना में बरामद सामान व असलहा रखा जाता है। प्रशिक्षु आइएएस ने थाना परिसर में हो रहे निर्माण कार्य की भी जानकारी ली।
प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों ने चखा मेस में बना भोजन
प्रशिक्षु आइएएस के दल ने थाना के मेस का भी निरीक्षण किया। मौजूद सिपाहियों से वार्ता की। बीट पुलिसिंग के संबंध में जानकारी ली। इसके बाद जवानों के लिए मेस में बने भोजन को चखा। मेस में रोटी, दाल, आलू, गोभी व मटर की सब्जी और चावल पकाया गया था।