आइपीएस अरविंद सेन की अर्जी पर फैसला सुरक्षित

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लखनऊ। पशुधन घोटाला मामले में निरुद्ध सेवानिवृत आइपीएस अरविंद सेन की अर्जी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। अभियुक्त सेन ने इस अर्जी में बड़ी पुत्री स्निग्धा सेन के पक्ष में पावर आफ अटार्नी करने का जिक्र किया है। कहा है कि इसके लिए उन्हें जेल से निबंधक कार्यालय में उपस्थित होना होगा। लिहाजा इस मसले पर न्यायिक आदेश पारित किया जाए।
उल्लेखनीय है कि सेन की ओर से इसी मसले पर पहले भी एक अर्जी दाखिल की गई थी जिसे अदालत ने नामंजूर कर दिया था। तब सेन की ओर से यह अर्जी उनकी बड़ी बेटी स्निग्धा सेन ने दाखिल की थी। इस बार यह अर्जी खुद सेन ने जेल अधीक्षक के जरिए दाखिल की है। सेन का कहना है कि वह इस मामले में निलंबन के दौरान सेवानिवृत हो गए थे। उनकी समस्त अवकाश प्राप्त देय भत्ता व अन्य अनुमन्य राशि निरुद्ध कर दी गई है। पत्नी की मौत के बाद उनकी दो पुत्री व एक अवयस्क पुत्र उन पर ही आश्रित हैं लेकिन आय का अब कोई अन्य साधन नहीं है।
जिससे परिवार का पोषण व उनके मुकदमे की पैरवी कठिन हो गई है। ऐसी परिस्थिति में वह अपनी पैतृक संपति की क्रय-विक्रय व बड़ी पुत्री स्निग्धा सेन के पक्ष में पावर आफ अटार्नी करना चाहते हैं। सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अभितेष मिश्र व प्रभा वैश्य ने रजिस्ट्रऊेशन मैनुअल का हवाला देते हुए इस अर्जी का विरोध किया। 27 जनवरी 2021 को अरविंद सेन को इस मामले में न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। 13 जून, 2020 को इस मामले की एफआइआर इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने हजरतंगज कोतवाली में दर्ज कराई थी।