नई दिल्ली। माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि पिछले साल दिल्ली छावनी में कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और हत्या की गई नाबालिग दलित लडक़ी के माता-पिता ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ट्विटर पर उनकी तस्वीरें साझा करने की सहमति दी थी। हालांकि फोटो को देश के मौजूदा कानूनों के अनुसार हटा दिया गया था।
13 अगस्त, 2021 को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के जवाब में ट्विटर ने कहा कि उसे पुष्टि मिली थी कि नाबालिग बच्चे के माता-पिता ने ट्विटर पर छवि साझा करने की मंजूरी दी थी। जवाब में कहा गया है कि राहुल गांधी ने अपने हैंडल के निलंबन के खिलाफ एक आधिकारिक अपील भी दायर की थी।
4 अगस्त को ट्विटर को पत्र लिखकर नाबालिग पीडि़ता के माता-पिता की पहचान का खुलासा करने वाले गांधी के ट्वीट के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। ट्विटर ने एनसीपीसीआर को भेजे मेल में कहा, हालांकि हम स्थानीय कानून के मुताबिक यह मानते हैं कि पीडि़त के माता-पिता की पहचान को उजागर करना गलत है। हमने ऐसे पोस्ट को हटाते हुए कार्रवाई की है।
यह मेल 29 नवंबर, 2021 को एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा माता-पिता की तस्वीरें पोस्ट करने के लिए गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका के जवाब में दायर एक हलफनामे का एक हिस्सा था।
सामाजिक कार्यकर्ता मकरंद सुरेश म्हाडलेकर ने आरोप लगाया था कि पीडि़ता के माता-पिता के साथ तस्वीर पोस्ट करके राहुल गांधी ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 का उल्लंघन किया है। ये कानून यौन अपराधों की नाबालिग पीडि़तों की पहचान को उजागर करने से रोकता है।
इससे पहले 5 अक्टूबर को ट्विटर ने अदालत को सूचित किया था कि दलित बाल पीडि़त की पहचान का खुलासा करने वाले राहुल गांधी के ट्वीट को हटा दिया गया है और उनका अकाउंट अब आपत्तिजनक ट्वीट के बिना फिर से खोल दिया गया है।
ट्विटर के वकील द्वारा दायर जवाब पर आपत्ति जताते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने ट्विटर को तथ्यों को बताते हुए एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा था। जवाब में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कहा है कि उसने उनकी अपील के बाद राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट को बहाल कर दिया।
28 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
ट्विटर ने कहा है कि उसने 8 अगस्त को राहुल गांधी का अकाउंट सस्पेंड कर दिया था और इस तारीख से आपत्तिजनक सामग्री प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं थी। कंपनी ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा शेयर की गई सामग्री में नाबालिग बच्चे के माता-पिता को उनकी पहचान की दृश्यता पर नुकसान के संभावित जोखिम के आधार पर इस तरह की कार्रवाई की गई थी। मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।