नई दिल्ली। अगर आपका खाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में है तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देशों के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक ने आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) लेनदेन की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। बता दें कि आरबीआई ने अपनी अक्टूबर नीति में, आईएमपीएस लेनदेन की सीमा को पहले के 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था।
हालांकि, 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक के लेनदेन पर 20 रुपये और जीएसटी लेगा। बता दें कि रीयल-टाइम फंड ट्रांसफर की सुविधा है, जिससे 24 घंटे तत्काल इंटरबैंक इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सेवा मिलती है। इसे मोबाइल, इंटरनेट, एटीएम, एसएमएस जैसे कई चैनलों पर एक्सेस किया जा सकता है। कई बैंक लेनदेन का उपयोग करने वाले ग्राहकों से शुल्क वसूलते हैं। हालांकि कुछ बैंक ग्राहकों के खाते के प्रकार या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से उपयोग करने के आधार पर नि:शुल्क प्रदान करते हैं। लेकिन उन बैकों में से है, जो इसके लिए चार्ज वसूलता है।
आईएमपीएस पर कितना चार्ज लेता है एसबीआई?
1,000 रुपये तक के आईएमपीएस लेनदेन पर कोई चार्ज नहीं है।
1,000 रुपये से 10,000 रुपये तक के आईएमपीएस लेनदेन पर 2 रुपये और जीएसटी लगती है।
10,000 रुपये से 1,00,000 रुपये तक के आईएमपीएस लेनदेन पर 4 रुपये और जीएसटी लगती है।
1,00,000 रुपये से 2,00,000 रुपये तक के आईएमपीएस लेनदेन पर 12 रुपये और जीएसटी लगती है।
2,00,000 रुपये से 5,00,000 रुपये तक के आईएमपीएस लेनदेन पर 20 रुपये और जीएसटी लगेगी।
एसबीआई ने 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक के आईएमपीएस लेनदेन के लिए नया स्लैब बनाया है। हालांकि, पुराने जो स्लैब हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।