गोरखपुर। बस्ती के रास्ते गोरखपुर से अयोध्या व आनंदनगर-बढऩी होते हुए नकहा जंगल से लखनऊ की यात्रा करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। गोरखपुर-अयोध्या और नकहा जंगल-लखनऊ सहित दर्जन भर पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाड़ी) को फिर से संचालित करने की तैयारी शुरू हो गई है। जल्द ही इन ट्रेनों को भी हरी झंडी मिल जाएगी। हालांकि पैसेंजर ट्रेनों के यात्रियों से एक्?सप्रेस ट्रेन का किराया वसूला जाएगा।
रेलमंत्री के सामने उठा था पैसेंजर ट्रेनों का मुद्दा
छह जनवरी को गोमतीनगर-कामाख्या एक्सप्रेस का शुभारंभ करने लखनऊ पहुंचे रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के समक्ष प्रमुख पैसेंजर ट्रेनों के संचालन का मुद्दा भी उठा था। उन्होंने यात्रियों की सुविधा को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को सभी प्रमुख पैसेंजर ट्रेनों को भी संचालित करने की अनुमति दे दी। इसके बाद पैसेंजर ट्रेनों के संचालन को लेकर भी कवायद तेज हो गई है। पैसेंजर ट्रेनों के नाम से अभी स्पेशल नहीं हटेगा। ट्रेनें स्पेशल के रूप में ही चलती रहेंगी।
यात्रियों को एक्सप्रेस का ही किराया देना होगा। हालांकि, रेलवे बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद ही ट्रेनों का संचालन शुरू हो पाएगा। जानकारों के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने निरस्त चल रही पैसेंजर को दोबारा चलाने के लिए बोर्ड को प्रस्ताव भेज दिया है। कोरोना की दूसरी लहर में रेलवे प्रशासन ने सभी पैसेंजर ट्रेनों को निरस्त कर दिया था। अब उन्हें धीरे-धीरे संचालित किया जा रहा है। गोरखपुर जंक्शन से 12 पैसेंजर ट्रेनें बनकर चल रही हैं।
अनुमति के बाद भी नहीं चल रही गोरखपुर-नरकटियागंज पैसेंजर
रेलवे बोर्ड ने दूसरी गोरखपुर-नरकटियागंज पैसेंजर को भी हरी झंडी दे दी है। इसके बाद भी यह ट्रेन नहीं चल पा रही है। पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के चलते ट्रेन का संचालन अधर में लटका है। नरकटियागंज, बेतिया और कप्तानगंज रूट के यात्रियों को गोरखपुर तक आवागमन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।