नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव ने 2013 के यौन उत्पीडऩ मामले में पत्रकार तरुण तेजपाल की याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को खुद को अलग कर लिया। इस याचिका में तेजपाल ने मामले की सुनवाई बंद कमरे में कराने का अनुरोध किया है। उनका यह अनुरोध बंबई उच्च न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया था। गोवा की एक अदालत ने इस मामले में तेजपाल को बरी कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस फैसले को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
यह मामला न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ के समक्ष शुक्रवार को सूचीबद्ध था। न्यायमूर्ति नागेश्वर राव ने कहा, मैं इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर रहा हूं क्योंकि 2016 में मैं एक समय इस मामले में गोवा सरकार की ओर से पेश हो चुका हूं। इसको अगले सप्ताह किसी अन्य अदालत के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। तेजपाल ने सीआरपीसी की धारा 327 के तहत इस मामले की बंद कमरे में सुनवाई कराने का अनुरोध किया है। तेजपाल के इस अनुरोध को पिछले साल 24 नवंबर को बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद तेजपाल ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी लेकिन अब यह अगले सप्ताह के लिए स्थगित हो गयी है।