पणजी। गोवा के दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने भाजपा छोडऩे के बाद अपने पिता की परंपरागत सीट पणजी से निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा की है। बीजेपी से इस्तीफा देने पर उन्होंने कहा कि पार्टी छोडऩा उनके लिए सबसे कठिन निर्णय था, लेकिन वह इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भगवा पार्टी यहां से किसी अच्छे उम्मीदवार को मैदान में उतारती है तो वह चुनावी अखाड़े से हट जाते। बता दें कि उत्पल पर्रिकर को भाजपा ने पणजी से टिकट देने से मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने बागी तेवर अपना लिया। पार्टी के फैसले से नाराज पर्रिकर ने शुक्रवार को भाजपा छोड़ दी और कहा कि वह 14 फरवरी को पणजी सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा ने पणजी से अपने मौजूदा विधायक अतानासियो मोनसेरेट को टिकट दिया है। वह कांग्रेस छोडक़र जुलाई 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे। उनके अलावा नौ और विधायकों ने भाजपा का दामना था। मोनसेरेट के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज है। उनमें एक नाबालिग लडक़ी बलात्कार का मामला भी शामिल है। मनोहर पर्रिकर के बड़े बेटे उत्पल ने शनिवार को न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि भाजपा हमेशा उनके दिल में है और वह पार्टी की आत्मा के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी छोडऩे का फैसला उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने कहा, यह सबसे कठिन फैसला था। मैं उम्मीद कर रहा था कि मुझे ऐसा फैसला नहीं करना पड़ेगा।