पालकी उठने से पहले महंत आवास पर पूजन

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वाराणसी। रंगभरी एकादशी पर बाबा के पूजन का क्रम ब्रह्म मुहूर्त में मंहत आवास पर आरंभ हो गया। वैदिक ब्राह्मणों ने बाबा एवं माता पार्वती की चल प्रतिमाओं को पंचगव्य तथा पंचामृत से स्नान कराया। मंत्रोच्चार के बीच स्नान की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद चल रजत प्रतिमाओं दुग्धाभिषेक किया गया। भोर में पांच से आठ बजे तक 11 वैदिक ब्रह्मणों द्वारा षोडशोपचार पूजन पं. सुनील तिवारी के आचार्यत्व में किया गया। इसके बाद बाबा को फलाहार का भोग लगाकर महाआरती की गई। राजसी ठाट में शृंगार के बाद झांकी के दर्शन जन सामान्य के लिए खोल दिए गए। मध्याह्न 12 भोग आरती के दौरान दर्शन का क्रम रुका रहा। काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डा. कुलपति तिवारी ने बाबा की मध्याह्न भोग आरती की। भोग आरती के साथ ही सांस्कृति अनुष्ठान शिवांजलि का शुभारंभ हो गया। देश के जाने माने कलाकारों की प्रस्तुतियां देर शाम तक होंगी। शिवांजलि का शुभारंभ महेंद्र प्रसन्ना ने शहनाई की मंगल ध्वनि से किया। शाम को बाबा गौरा का गौना लेकर पूर्व महंत आवास से मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे। इससे पहले वह काशीवासियों के साथ होली भी खेलेंगे।