गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर पर धारदार हथियार बांकी लेकर खून-खराबा करने वाले संदिग्ध मुर्तजा अब्बासी के संभावित टेरर लिंक की जांच की जा रही है। आईआईटी मुंबई जैसे संस्थान से केमिकल इंजनीयरिंग में डिग्री और फिर बड़ी कंपनियों में नौकरी कर चुका मुर्तजा ने आखिर क्यों गोरखनाथ मंदिर पर हमला किया? चरमपंथी विचारों से प्रभावित होकर उसने खुद यह दुस्साहस किया या फिर फिर वह किसी आतंकी साजिश का मोहरा बन चुका था? यूपी एटीएस मुर्तजा से पूछताछ करके इस तरह के सवालों के जवाब खंगाल रही है। यूपी एटीएस ने जांच का दायरा गोरखपुर के अलावा नेपाल से लेकर मुंबई तक फैला दिया है। एक तरफ मुर्तजा के फोन और लैपटॉप से डेटा निकालकर तथ्यों को सामने लाने की कोशिश की जा रही है तो दूसरी तरफ आरोपी से भी पूछताछ लगातार जारी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुर्तजा ने यूपी एटीएस से हमले के उद्देश्य को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि वह अल्लाह की राह में जान देना चाहता था। उसने अपने परिचय में अपना नाम मुर्तजा अहमद अब्बासी बताते हुए खुद को अल्लाह का बंदा बताया। एक अन्य सवाल के जवाब में मुर्तजा ने कहा कि पीएसी के जवान उसे घूर रहे थे। इसलिए उसे गुस्सा आ गया। फिर उसका मन अल्लाह की राह में जान देने का हो गया। इसलिए उसने बांकी से हमला कर दिया। महंगे लैपटॉप को लेकर उसने कहा है कि ऐप डिवेलप करने के लिए उसने इसे खरीदा था। पुलिस उससे उसके साथियों के बारे में भी पूछताछ कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही कि मुर्तजा के मददगार कौन से लोग हैं और उनका आगे क्या प्लान है। बताया जा रहा है कि मुर्तजा के लैपटॉप से जाकिर नाइक के भडक़ाऊ भाषणों के वीडियो मिले हैं। इसके अलावा वह इस्लामिक स्टेट से जुड़े सीरिया के वीडियो भी देखा करता था। अब तक की जांच के मुताबिक, उसके दिमाग में काफी जहर भर चुका था और वह जान लेने-देने को तैयार था। हालांकि, मुर्तजा के परिवार ने अब तक उसे सनकी साबित करने की ही कोशिश की है। मुर्तजा के पिता का दावा है कि वह मानसिक रूप से बीमार होने की वजह से पहले से खुदकुशी पर उतारू था।