कैंपियरगंज (गोरखपुर)। वीर बहादुर सिंह राजकीय महाविद्यालय में सत्याग्रह दिवस पर 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में आत्मबलिदान करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गयी। इस अवसर पर स्वातंत्र्य समर में जलियांवाला बाग हत्याकांड की प्रस्थिति विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रोफेसर डॉ.जयप्रकाश वर्मा ने विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए कहा कि अंग्रेज अधिकारी जनरल डायर की क्रूर और दमनकारी नीति के कारण सैकड़ों निर्दोष सत्याग्रहियों की हत्या कर दी गयी। अमृतसर की भूमि को रक्त रंजित करने वाले इस कुकृत्य की विश्व के अनेक देशों द्वारा भत्र्सना की गई। प्राचार्य डॉ.सौमित्र चन्द्र ने कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय इतिहास की विभत्स और लोमहर्षक घटनाओं में अन्यतम है। इस घटना ने भारतीयों के दिल में अंग्रेजी राज के प्रति घृणा की भावना भर दी और इसकी परिणति क्रांतिकारी आंदोलन के रूप में हुई। भगतसिंह,उधमसिंह आदि क्रांतिकारियों ने इस हिंसक और जघन्य कृत्य के कारण ही अंग्रेजों के प्रति क्रांति और उग्र आंदोलन का बिगुल बजाया। इस अवसर पर एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.आर्येन्दु द्विवेदी, डॉ.मनीष कन्नौजिया,मनोज खरवार,डॉ.गीता यादव, विकास सोनकर, योगेन्द्रनाथ मिश्र,जितेन्द्र चौरसिया, सुमित गुप्ता,बृजेश पांडेय आदि उपस्थित रहे। स्नातक के विद्यार्थी बड़ी संख्या में गोष्ठी में सम्मिलित हुए।