ज्ञानवापी मस्जिद का मामला
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सुबह सवा दस बजे तक एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही पूरी हो गई। इस दौरान सर्वे में शामिल सभी सदस्य वापस लौट आए। इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान वादी पक्ष के सोहनलाल आर्य ने बताया कि नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए। इतिहास कालखंड में जो भी लिखा था वह मिल गया है। जिसकी जनता को प्रतीक्षा थी आखिरकार वह बाबा मिल गए हैं। इसके बाद से ही तीन दिनों की कार्यवाही के दौरान बाबा विश्वनाथ के असली स्थान को लेकर जानकारी सामने आने लगी है।
उन्होंने कबीर दास के दोहे का उदाहरण दिया कि – जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ। इस बात पर उनसे इसका अर्थ बताने को कहा गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब दिया कि नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए। बताते चलें कि पहले दिन की कार्यवाही के बाद ही सोहनलाल आर्य ने विक्ट्री साइन बनाकर हिंदू मंदिर होने के साक्ष्यों को लेकर आशा जताई थी। अब आखिरी दिन की कार्यवाही के बाद उन्?होंने नंदी का मुंह ज्ञानवापी मस्जिद की ओर होने की वजहों को लेकर बाबा के मिल जाने की जानकारी दी।