गोरखपुर। उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव प्रफुल कमल की ओर से जारी पत्र में वकीलों के लिए अराजक शब्द के प्रयोग करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदेश भर में इसे लेकर चल रहे विरोध के बाद बुधवार को अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार का फैसला लिया है। इसके विरोध में जिला अधिवक्ता एसोसिएशन के सभागार में एक आवश्यक बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार त्रिपाठी ने की। इसमें तय किया गया कि विशेष सचिव के पत्र के विरोध में अधिवक्ता बुधवार को न्यायिक कार्य नहीं करेंगे।
एसोसिएशन के मंत्री योगेंद्र कुमार मिश्र ने बताया है कि 14 मई को विशेष सचिव उत्तर प्रदेश ने सभी डीएम को पत्र भेजकर कहा है कि जनपद न्यायालय में अधिवक्ताओं की ओर से किए जाने वाले अराजकतापूर्ण कृत्यों का तत्काल संज्ञान लिया जाना सुनिश्चित करते हुए संबंधित अधिवक्ताओं के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए। साथ ही साथ समय-समय पर की गई कारवाई की सूचना शासन को उपलब्ध कराई जाए। इस पत्र की कॉपी सभी जनपद न्यायाधीश को भी भेजी गई है। बैठक में अधिवक्ताओं ने विशेष सचिव के इस पत्र की निन्दा करते हुए सर्वसहमति से इस पत्र के विरोध में 18 मई को न्यायिक कार्य से विरत रहकर विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया। जिसके बाद बुधवार को वकीलों ने कार्य का बहिष्कार कर दिया।
20 मई को हड़ताल करेगा बार काउंसिल
वहीं, इस मामले में बार काउंसिल की भी एक वर्चुअल मीटिंग हुई। मीटिंग में विशेष सचिव द्वारा अधिवक्ताओं को लेकर की गई टिप्पणी पर नाराजगी व्यक्त की गई। बार काउंसिल के सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी ने बताया कि बार काउंसिल ने 20 मई को हड़ताल का आह्वान किया है।