कोरोना टीकों की तरह मनमानी से न बंटे अनाज

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संयुक्त राष्ट्र। दुनिया के अमीर देशों को आईना दिखाते हुए कहा है कि अनाज का वितरण कोविड टीकों की तरह नहीं होना चाहिए। भारत ने दुनिया में अनाज की कीमतों में ‘अनुचित वृद्धि’ के बीच उसकी जमाखोरी और वितरण में भेदभाव पर चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही दुनिया के अमीर देशों को आईना दिखाते हुए कहा है कि अनाज का वितरण कोविड टीकों की तरह नहीं होना चाहिए। भारत ने कहा कि अमीर देशों ने बड़ी संख्या में टीके स्टोर कर लिए थे, जबकि गरीब देशों की इन तक पहुंच ही नहीं थी। संयुक्त राष्ट्र में बोलते हुए भारत ने कहा कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के उसके फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि वह जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकता है।
विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा, कम आय वाले विभिन्न वर्ग आज अनाज की बढ़ती कीमतों और उनकी पहुंच तक मुश्किल की दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यहां तक कि पर्याप्त भंडार वाले भारत जैसे देशों ने खाद्यान्न में अनुचित वृद्धि देखी है। यह साफ है कि जमाखोरी की जा रही है। हम इसे ऐसे ही चलने नहीं दे सकते। मुरलीधरन ‘ग्लोबल फूड सिक्योरिटी कॉल टू एक्शन’ पर मंत्री स्तरीय बैठक में बोल रहे थे, जिसकी अध्यक्षता अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब भारत ने बीते शुक्रवार को ही गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने का ऐलान किया था। दरअसल भारत में इस बार भीषण लू चलने की वजह से गेहूं के उत्पादन में बड़ी कमी आई है और उसके चलते अभी से ही कीमतों में इजाफा होने लगा है। इसलिए संकट से निपटने के लिए भारत सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक लगाने का फैसला लिया ताकि घरेलू स्तर पर संकट न पैदा होने पाए।