गोरखपुर। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में अपात्रों द्वारा लाभ लेने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसे लेकर कृषि विभाग चौकन्ना है। कृषि विभाग गांव-गांव कृषि प्राविधिक सहायकों को भेजकर सम्मान निधि ले रहे लाभार्थियों की जांच करा रहा है। इस सख्ती का असर यह है कि जिले के 107 किसान कृषि विभाग को 10 लाख 22 हजार रुपये वापस कर चुके हैं। सरकार का सख्त रूख देखकर सम्मान निधि लेने वाले अन्य लोगों में दहशत का माहौल है।
प्राविधिक सहायकों के माध्यम से कराई गई थी पात्रों की जांच
छोटे व मध्यम वर्गीय किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ अपात्रों ने भी उठा लिया है। कृषि विभाग न्याय पंचायतवार कृषि प्राविधिक सहायक लगाकर इनकी जानकारी एकत्रित करा रहा है। साथ ही अपात्रों को वसूली के नोटिस भेज रहा है।
अपात्रों को दी गई नोटिस
उप कृषि निदेशक डा.संजय सिंह ने बताया कि करीब एक हजार अपात्रों को अब तक नोटिस भी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इसकी देन है कि अब तक 107 अपात्रों ने अपनी गलती स्वीकार करके सम्मान निधि के 10 लाख 22 हजार रुपये वापस किया है।
2.20 लाख किसानों ने नहीं जमा की है ई-केवाइसी
सम्मान निधि की राशि अब सिर्फ उन्हीं लाभार्थियों को दी जाएगी, जिनकी ई-केवाइसी जमा होगी। जिले में पांच लाख 24 हजार 213 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दी जा रही है। इसमें दो लाख 20 हजार 27 किसानों ने अभी तक अपनी ई-केवाइसी नहीं जमा की है। कृषि विभाग ने इन किसानों को मौका दिया है कि वह आगामी 31 मई तक हर हाल में अपनी ई-केवाइसी जमा कर दें। अन्यथा, उनकी सम्मान निधि रोक दी जाएगी।
यहां जमा कर सकते हैं ई-केवाइसी
लाभार्थी स्वयं पीएम किसान पोर्टल पर जाकर अपनी ई-केवाइसी जमा करते हैं। सहज जनसेवा केंद्र से संपर्क करके भी वह अपनी ई-केवाइसी जमा कर सकते हैं।