डीएम ने एसडीएम व तहसीलदारों की तय की जिम्मेदारी, हर महीने 10 बड़े बैनामे की करनी होगी जांच

Listen to this article

 

गोरखपुर। जिले की तहसीलों में मनमाने तरीके से एसडीएम एवं तहसीलदारों का आना-जाना नहीं चलेगा। हर महीने उन्हें परिणाम देना होगा। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों की जिम्मेदारी तय की है। हर तहसील में दोनों अधिकारी निबंधन कार्यालय से संपर्क कर 10-10 बड़े बैनामे प्राप्त करेंगे और स्थलीय निरीक्षण करते हुए स्टांप ड्यूटी में चोरी के मामलों की पता लगाएंगे। चोरी मिलने पर जिलाधिकारी को रिपोर्ट देंगे। निबंधन के साथ ही कच्ची शराब, ओवरलोडिंग, अवैध खनन आदि के विरुद्ध हर महीने अभियान चलाने का निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिया है।
जिलाधिकारी को देनी होगी 10 मामलों में रिपोर्ट: एसडीएम अपने कार्यक्षेत्र में ओवरलोडिंग की जांच करेंगे और क्षेत्र के अंतर्गत राजमार्गों, खनन क्षेत्रों की औचक निरीक्षण करते हुए उसपर लगाम लगाएंगे। कम से कम 10 मामलों में रिपोर्ट जिलाधिकारी को देनी होगी। सभी एसडीएम एवं तहसीलदार अपने क्षेत्र में नियमित रूप से छापेमारी करते हुए अवैध खनन पर अंकुश लगाएंगे। हर एसडीएम को हर महीने अपने क्षेत्र में शराब की पांच दुकानों की औचक जांच कर रिपोर्ट देंगे।
एसडीएम हर महीने कच्ची शराब की भ_ियों को चिह्नित कराते हुए ध्वस्त कराते हुए इस काम में लिप्त लोगों पर एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी। एसडीएम को एक नगर पंचायत का निरीक्षण भी करना होगा। तहसील क्षेत्र के पांच प्राथमिक विद्यालयों, इतने ही आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण का जिम्मा भी मिला है। स्वास्थ्य केंद्रों की जांच भी अनिवार्य रूप से करनी होगी। एसडीएम एवं तहसीलदार पांच-पांच कोटे की दुकानों का निरीक्षण भी करेंगे। एसडीएम को अपनी तहसील क्षेत्र की मंडियों का भी नियमित रूप से निरीक्षण करना होगा। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि प्रभावी कार्रवाई के लिए सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों के प्रवर्तन से जुड़े लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। हर महीने इसकी निगरानी की जाएगी। इससे अवैध कार्यों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।