यासीन मलिक पर फैसला: टेरर फंडिंग केस में एनआइए ने मांगी फांसी; कोर्ट रूम लाया गया, श्रीनगर में सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी

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नई दिल्ली। अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग केस में कुछ देर में सजा सुनाई जानी है। यासीन को एनआईए कोर्ट पहले ही दोषी करार दे चुका है। यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी घटनाओं के लिए फंडिंग करने और आतंकियों को तबाही का सामान मुहैया कराने के मामले चल रहे हैं। सजा से पहले पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई। वहीं, श्रीनगर के कई बाजार बंद हो गए। यहां लाल चौक समेत कई इलाकों में भारी फोर्स को तैनात किया गया है।
सजा के ऐलान से पहले कोर्ट रूम में केवल वकीलों और दिल्ली के डीसीपी को एंट्री दी गई है। यासीन मलिक को कोर्ट रूम में लाने के बाद चारों गेट को बंद करवा दिया गया। कोर्ट कैम्पस छावनी में तब्दील हो गया है। फैसले से पहले श्रीनगर में यासीन के घर के बाहर तैनात उसके समर्थकों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की। वहीं सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेडऩे के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। यासीन को कोर्ट रूम में लाने से पहले रूम की डॉग स्क्वॉड से तलाशी और थर्मल स्कैनिंग की गई।
स्पेशल जज अपने चैंबर में पहुंच चुके हैं, कुछ देर बाद वे डायस पर पहुंच सकते हैं। यासीन मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट की हवालात में लाया गया। पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर लोगों की आवाजाही पर सख्ती बरती जा रही है।
अपने गुनाह कबूल कर चुका यासीन
इससे पहले, बुधवार को मलिक की सजा पर बहस हुई। यासीन के लिए फांसी की मांग की है, वहीं यासीन के वकील उसके लिए उम्रकैद चाहते हैं। 19 मई की सुनवाई के दौरान यासीन अपने गुनाह कबूल कर चुका है। कोर्ट में स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने कहा कि एनालिसिस से पता चलता है कि गवाहों के बयान और सुबूतों से लगभग सभी आरोपियों का एक-दूसरे से संपर्क और पाकिस्तानी फंडिंग साबित हुई है।
अदालत में यासीन की दलील
बुधवार को फैसला आने से पहले कोर्ट पहुंचे यासीन ने कहा, अगर मैं 28 साल के दौरान किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं और खुफिया एजेंसियां यह साबित करती हैं, तो मैं भी राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मुझे फांसी मंजूर होगी। मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। मैं अपने लिए कुछ भी नहीं मांगूंगा। मैं अपनी किस्मत का फैसला अदालत पर छोड़ता हूं।
लाल चौक में भारी फोर्स तैनात
रिपोर्ट्स के मुताबिक लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। पुराने शहर के कुछ इलाकों के बाजार भी बंद रहे, हालांकि परिवहन सामान्य रहा। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में सुरक्षा बलों को भारी संख्या में तैनात किया गया है।
मलिक ने आरोपों को चुनौती देने से कर दिया था इनकार
दोषी करार होने के बाद मलिक ने कोर्ट में कहा था कि धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता। मलिक 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में केद है।
इमरान ने यासीन की सजा को बताया फासीवादी रणनीति
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने यासीन मलिक को सजा दिए जाने का विरोध किया है। इमरान ने लिखा- मैं कश्मीरी नेता यासीन मलिक के खिलाफ मोदी सरकार की उस फासीवादी रणनीति की कड़ी निंदा करता हूं, जिसके तहत उन्हें अवैध कारावास से लेकर फर्जी आरोपों में सजा दी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को फासीवादी मोदी शासन के राजकीय आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।