लखनऊ। विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन यानी बुधवार को सदन में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच तू-तू, मै-मै भाषा में तीखी बहस हो गई थी। गुरुवार को इस पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने भावुक होकर कहा कि मेरे पिता नहीं हैं। अखिलेश यादव के इस बयान से मैं काफी आहत हूं। उन्होंने मेरे दिवंगत पिता पर टिप्पणी कर पिछड़ा वर्ग का अपमान किया है। डिप्टी सीएम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सदन में इस तरह का व्यवहार शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि मैंने तो सिर्फ उपनेता होने के नाते सदन में अपनी बात रखी थी लेकिन नेता प्रतिपक्ष का व्यवहार कहीं से भी संसदीय और शिष्टाचार के अनुरूप नहीं था।
क्या हुआ था सदन में
बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम से पूछा था कि आपके जिले के मुख्यालय की सडक़ किसने बनवाई इस पर डिप्टी सीएम ने पिछली सपा सरकार को घेरते हुए कहा कि जो लोग सडक़, एक्सप्रेस-वे जैसी बातें करते हैं, ऐसा लगता है कि जैसे उन्होंने सैफई बेचकर ये सब करवाया हो।
डिप्टी सीएम के इस बयान पर भडक़े अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि तुम अपने पिजा जी से लाते हो ये सब बनवाने के लिए… इस पर सदन में माहौल काफी गर्म हो गया। अखिलेश और केशव मौर्य के बीच हई इस तीखी बहस के बाद सीएम योगी को मोर्चा सम्भालना पड़ा। सीएम ने कहा कि सदन में अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किसी को भी नहीं करना चाहिए। सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि आप भाषा को लेकर असहमति जता सकते हैं लेकिन सदन में तू-तू, मैं-मैं नहीं होना चाहिए। सीएम ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के प्रति इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हम भी नेता प्रतिपक्ष की बहुत सारी बातों पर आपत्ति कर सकते हैं लेकिन हमने उन्हें धैर्यपूर्वक ध्यान से सुना। सदन की गरिमा को बरकरार रखा।