गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार शनिवार को एक बार फिर खुलेगा। इस बार इसे राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के प्रवेश के लिए खोला जाएगा। अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों और दशहरा के दिन निकलने वाले गोरक्षपीठश्वर के विजय जुलूस के लिए खुलने वाले इस द्वार को राष्ट्रपति के आगमन पर खोलने की तैयारी सीएम योगी के निर्देश पर मंदिर प्रबंधन ने कर ली है। इससे पहले जब महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का गोरखनाथ मंदिर आना हुआ था तब भी उन्हें मुख्य द्वार से ही प्रवेश कराया गया था।
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर मंदिर परिसर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रबंधन के लोग हर कमी को पूरा करने में लगे हुए हैं। मंदिर प्रबंधन के अनुसार राष्ट्रपति निर्धारित समय पर मुख्य द्वार से मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे और सिंह द्वार से सीधे बाबा गोरखनाथ के दरबार में जाएंगे। दरबार में उनका प्रवेश वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा वेद मंत्रों के उच्चार के बीच होगा। इसके लिए वेदपाठियों की सूची तैयार कर ली गई और रिहर्सल कराया जा रहा है। गर्भगृह में बाबा की पूजा की जिम्मेदारी मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी वैदिक के नेतृत्व में ब्राह्मणों की टीम को सौंपी गई है।
गोशाला जाकर गायों को गुड़-चना खिलाएंगे राष्ट्रपति: ब्राह्मणों की यही टीम राष्ट्रपति को ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर ले जाएगी, जहां वह महंत का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। परिसर का भ्रमण करते हुए राष्ट्रपति गोशाला जाएंगे, जहां वह गायों को अपने हाथ से गुड़-चना और चारा खिलाएंगे। गोशाला के बाद उन्हें महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन लाया जाएगा, जहां वह चुनिंदा लोगों के साथ जलपान ग्रहण करेंगे। इस दौरान पूरे समय उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी बतौर मार्गदर्शक रहेगी।