शिवेंद्र व मजदूर लाल का शव घर पहुंचते ही रो पड़ा गांव

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पिपरा पीतांबर में रात 1.30 बजे चारों तरफ से आ रही थी रोने की आवाज

 

 

खजनी। तहसील क्षेत्र के पिपरा पीतांबर में रात 1.30 बजे जैसै शिवेन्द्र सिंह व लाला (मजदूर) का शव घर पहुंचा। पुरे गांव में कोहराम मच गया। हर कोई रोते हुये मृत शिवेंद्र व मजदूर लाला के घर पहुंच गया। गांव में चारों से रोने की आवाज़ आ रही थी। शिवेंद्र की मां व लाला की पत्नी रोते- बेहोश हो जा रहीं थीं। यह दृश्य देख सभी लोग परमात्मा को कोस रहे थे। परिजन गोला के सरयु तट पर रविवार सुबह दाह संस्कार कर दिये। बता दें कि शनिवार को धान की रोपाई करते समय मौसम अचानक बिगड़ गया। बूंदाबांदी शुरु हुई तभी गड़गड़ाहट के साथ अकाशी बिजली गिरी। जिसकी चपेट में आने से शिवेंद्र सिंह व लाला आ गए। दोनों बुरी तरह से झुलस गए थे। गंभीर हालत में परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

शिवेंद्र परिवार का ही नहीं गांव का प्यारा था

होनहार मृतक शिवेंद्र की चर्चा पूरे गांव के लोग कर रहे थे। लोगों ने बताया कि शिवेंद्र पूरे घर की जिम्मेदारी उठा रखा था। जो परिवार का ही नहीं पूरे गांव का प्यारा था। परिवार का वही एक होनहार युवक था जिसे ने विधाता ने छीन लिया। बड़ा भाई दिल्ली में रहकर प्राइवेट जॉब करता है। पिता कृपाशंकर सिंह खजनी तहसील में पेशे अधिवक्ता हैं, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

दलित लाला की पत्नी पर टूटा पहाड़

ग्रामीणों ने कहा कि स्व. लाला ही अपने परिवार का मुखिया था। जो काल के गाल में समा गया। तीन बच्चों और पत्नी को अब कौन सहारा देगा? पूरे परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा। छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पत्नी अब कहां जाएगी और कैसे बच्चों का लालन-पालन करेगी? पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं पूर्व प्रधान लक्ष्मी शंकर सिंह ने बताया कि मृत लाला के नाम से लगभग 5-6 डिसमिल जमीन होगी। सुबह लाला मजदूरी के लिए निकलता था और शाम को मजदूरी कर घर लौटता था तब उसके घर के चूल्हे में आग जलती थी।