जल जीवन का अमृत, उसे बचाएं

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गोरखपुर। भूगर्भ जल विभाग के अधिशासी अभियंता विश्वजीत सिंह ने छात्रों से कहा कि जल ‘जीवन का अमृत है। हमें वर्तमान व भावी पीढिय़ों के लिए जल संरक्षण की आवश्यकता है। अपील किया कि वे वर्षा जल संचयन के प्रति न केवल खुद जागरूक हो बल्कि गांव में अपने पड़ोसियों और परिवार के सदस्यों को भी प्रेरित करें। विश्वजीत सिंह, गुरुवार को भूजल सप्ताह के छठे दिवस आदर्श इंटर कॉलेज के प्रांगण में छात्र-छात्राओं एवं अध्यापक गणों के मध्य भूजल गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। गोष्ठी में सभी आम जनमानस को भूजल संरक्षण संचयन एवं संवर्धन के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी गई। हाइड्रोलॉजिस्ट सुश्री रागिनी सरस्वती द्वारा वर्षा जल संचयन एवं संरक्षण की तकनीकी जानकारियां दी। बताया कि जल एक ऐसी संपदा है जिसका किसी तकनीकी प्रक्रिया के माध्यम से, जब जी चाहे, तब उत्पादन या संचयन नहीं हो सकता। मूल रूप से, पृथ्वी पर कुल मिलाकर,

अलवण जल और समुद्री जल की मात्रा स्थायी रूप से तय है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर उपलब्ध जल का सिर्फ 2.7 फीसदी पानी ही हमारे उपयोग लायक है। इस दौरान छात्र-छात्राओं के बीच भूजल संरक्षण पर वाद विवाद प्रतियोगिता भी कराई गई। छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। गोष्ठी में सदस्य प्राविधिक सहायक दिनेश चंद जायसवाल समेत भूगर्भ जल विभाग के कर्मचारी एव विद्यालय के समस्त अध्यापक उपस्थित रहे।