गोरखपुर। कैंट इलाके में एक अजीबो गरीब जालसाजी का मामला सामने आया है। यहां के दो भाई ऐसे हैं जो कागज के अनुसार एक माह के अंतराल पर जन्मे हैं। दोनों ने मिलकर कार लोन कराया। बैंक से मिले डीडी को उन्होंने मोटर एजेंसी के नाम का फर्जी एकाउंट खोलकर भजा लिया। पूरा रकम निकाल लिया और फरार हो गए। 3 साल बाद मंगलवार को कैंट पुलिस ने एक आरोपी शमीम अहमद पुत्र स्व0 मंजूर अहमद निवासी परसौनी थाना पुरन्दरपुर जनपद महराजगंज को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने उसे मुखबिर की सूचना पर रेलवे तिराहे से पकड़ा और कोर्ट में पेश कर जेल भिजवा दिया।
इस तरह की थी जालसाजी
कैंट इंस्पेक्टर शशिभूषण राय ने बताया कि आरोपी वसीम अहमद इंजिनियरिंग कालेज पर गिट्टी बालू की दुकान चलाता था। उसने वर्ष 2019 में आन्ध्रा बैंक से कार लोन लिया था। उसे बैंक द्वारा विराज मोटर्स के नाम से डीडी मिली थी। आरोपी वसीम व उसके भाई शमीम अहमद ने विराज मोटर्स के नाम से इलाहाबाद बैंक में खाता खोलवाया। जिसके बाद आंध्रा बैंक से मिले डीडी को शमीम अहमद ने अपने खाते में पुरा पैसा भुगतान करा लिया।़ उसके बाद धीर धीरे एक माह के अन्दर शमीम अहमद ने खाते से सारा पैसा निकाल लिया। जबकि बैंक द्वारा कार खरीदने के लिए लोन दिया गया था। शमीम अहमद द्वारा बैंक खाता खोलने में जो आईडी प्रूफ,डीएल,निवास प्रमाण पत्र ,पेन कार्ड दिए गए थे वे सब फर्जी थे। जिसके बाद आंध्रा बैंक के सिविल कोर्ट के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक प्रमोद कुमार गिरी ने 30 जून 2019 को कैंट थाने में केस दर्ज कराया था।
पुलिस के अनुसार वसीम अहमद व शमीम अहमद दोनो सगे भाई है, जबकिं इनके आईडी प्रूफ के जन्म तिथि में केवल 1 माह का अंतर है। शमीम अहमद के भाई वसीम अहमद को पुलिस पहले ही अरेस्ट कर जेल भिजवा चुकी है। वहीं शमीम अहमद 2019 से ही फरार चल रहा था।