यूपी भाजपा को मिलेगा नया प्रदेश अध्यक्ष, स्वतंत्रदेव प्रदेश अध्यक्ष पद से दे सकते हैं इस्तीफा

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लखनऊ। यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अपने पद से शीघ्र ही इस्तीफा दे सकते हैं। सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा है। स्वतंत्र देव सिंह वर्तमान में योगी सरकार में जलशक्ति मंत्री भी है। चित्रकूट में 29 से 31 जुलाई तक बीजेपी प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार इस बीच नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। चित्रकूट में तीन तक चलते वाले प्रशिक्षण वर्ग शिविर में पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ ही मंत्रियों को भी बुलाया गया है। मतलब साफ है सरकार और संगठन दोनों एक मंच पर रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि इस बीच नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी हो सकता है। यूपी विधानसभा 2022 में भाजपा की धमाकेदार जीत का इनाम प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को कैबिनेट मंत्री के रूप में मिल गया है। पार्टी के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत अब सूबे में प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी बदलाव होना है। 2024 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी इस बार संगठन की कमान किसी ब्राह्मण चेहरे को सौंप सकती है। योगी कैबिनेट में जगह न पाने वाले लोग इस पद की दौड़ में आगे बताए जा रहे हैं। पार्टी इस बार युवा चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है।
दलित चेहरे को भी दिया जा सकता है मौका
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में यहां तक चर्चा है कि, दलित चेहरे को लेकर विचार किया जा सकता है। पार्टी के सूत्र यहां तक बताते हैं इस बार जिस तरीके से बसपा को जाटव वोट बैंक भाजपा में पड़ा है। उसको बनाए रखने के लिए किसी दलित चेहरे को बीजेपी यूपी की कमान सौंपी जा सकती है। ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि, जो वोट भाजपा का है वो बना रहे और लोक सभा में अन्य दलित जाति का वोट बैंक पार्टी को मिल सके।
राज्यमंत्री खटीक काम पर लौटे, स्वतंत्रदेव के साथ बैठक में शामिल
लखनऊ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को संबोधित इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा देने वाले जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक बुधवार को काम पर लौट आए हैं। विभाग में हाल ही में हुए तबादलों में अवैध वसूली, नमामि गंगे योजना में भ्रष्टाचार, अफसरों द्वारा बात न सुनने और दलित मंत्री होने की वजह से भेदभाव जैसे गंभीर आरोप लगाकर उन्होंने प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी।
राज्यमंत्री दिनेश खटीक के उठाए गए विभाग में भ्रष्टाचार व अफसरों द्वारा मंत्री की अनदेखी के मुद्दे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया था। सीएम योगी ने दिनेश खटीक की एक-एक बात बंद कमरे में सुनी थी। उन्होंने हर आरोप की जांच का आश्वासन देने के साथ उनका त्याग-पत्र अस्वीकार कर दिया था।
मुख्यमंत्री योगी से मिले आश्वासन के बाद राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने बुधवार को कामकाज संभाल लिया। वह कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और राज्यमंत्री रामकेश निषाद के साथ सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में शामिल हुए। इस दौरान राज्य में कम बारिश वाले जिलों में फसलों को लेकर तैयारियों की समीक्षा की।