गोरखपुर। ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम के प्राइवेट ठेकेदारों की गुडंई अब सरेआम देखने को मिल रही है। सडक़ किनारे भी खड़ी गाडिय़ां को ट्रैफिक पुलिस के प्राइवेट ठेकेदार जबरिया उठा रहे हैं और फिर विरोध करने पर पब्लिक पर बुलडोजर चढ़ाने की धमकी भी दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शनिवार को गोलघर में देखने को मिला।
पत्नी संग मिठाई खरीद रहे थे डीके
राजघाट इलाके के हालसीगंज के रहने वाले डीके गुप्ता पत्नी संग मिठाई खरीदने गणेश चौक पहुंचे थे। वह गणेश स्वीट हाउस के सामने अपनी कार खड़ी कर मिठाई खरीद रहे थे कि इस बीच प्राइवेट ठेकेदारों ने जबरिया उनकी कार उठा ली। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो बुलडोजर चालक और उसके साथ के लोग उसके उपर बुलडोजर चढ़ा देने की धमकी देने लगे। धमकी देते हुए ड्राइवर बुलडोजर आगे बढ़ाने लगा। मजबूरन डीके को पत्नी संग पीछे हटना पड़ा। उनका कहना था ?कि अगर वे पीछे नहीं हटते तो ड्राइवर उनपर बुलडोजर चढ़ा देता।
भरनी पड़ी एक हजार रुपए की पेनाल्टी: नाराज डीके पत्नी संग बीच सडक़ पर बैठ गए और जमकर हंगामा किया। जबकि वहां खड़ी पब्लिक तमाशा देखती रही। करीब एक घंटे तक चले इस हंगामे के बाद आखिकार गाड़ी मालिक को ही झुकना पड़ा और उन्होंने एक हजार रुपए पेनाल्टी भरकर गाड़ी छुड़ाई। डीके गुप्ता का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस से लेकर नगर निगम का कोई भी जिम्मेदार कुछ सुनने को तैयार नहीं है। मैं पत्नी को लेकर बीच सडक़ पर अगर लड़ाई करता तो वह मेरे उपर बुलडोजर चढ़ा देते।
एसपी ट्रैफिक ने झाड़ लिया पल्ला
हालांकि एसपी ट्रैफिक डॉ. महेंद्र पाल सिंह का कहना है कि सडक़ से गाडिय़ां उठाने के काम से ट्रैफिक पुलिस का कोई मतलब नहीं है। पुलिस सिर्फ चालान वसूलती है। इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की है।
जबकि नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि नो पार्किंग में खड़ी गाडिय़ों पर कार्रवाई जरूर नगर निगम करती है, लेकिन पब्लिक से इस तरह का व्यवहार करना पूरी तरह गलत है। अगर ऐसा है तो इस मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।