बिहार सीएम नीतीश एनडीए छोड़ेंगे: नीतीश ने राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा, भाजपा के मंत्री डिप्टी सीएम को इस्तीफा सौंपेंगे

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पटना(बिहार)। बिहार में पांच साल बाद नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदल रहे हैं। भाजपा से चल रही तकरार के बीच सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू सिंह चौहान से मिलने का वक्त मांगा है। दोपहर 12.30 बजे मुख्यमंत्री जदयू के कुछ नेताओं के साथ राजभवन जाएंगे। इधर, भाजपा कोटे के सभी मंत्री अपना इस्तीफा डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद को सौपेंगे। प्रसाद के घर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री भी पहुंच गए हैं। इसी बीच कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे। सबकुछ तय हो गया है।
राजद ने राबड़ी आवास पर सभी विधायकों की बैठक शुरू हो गई है। तेजस्वी यादव मीटिंग में विधायकों से ताजा हालात पर रायशुमारी कर रहे हैं। कांग्रेस ने दोपहर 1 बजे प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के आवास पर सभी विधायकों की मीटिंग बुलाई है। कांग्रेस ने जदयू को सशर्त समर्थन देने का ऐलान किया है। जीतन राम मांझी ने भी अपनी पार्टी हम की बैठक बुलाई है। बैठक में सभी विधायकों को आने के लिए कहा गया है।
नीतीश का क्या है एक्शन प्लान?
1. सभी विधायकों-सांसदों के साथ बैठक
सत्तारुढ़ दल जदयू ने अपने विधायकों और सांसदों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया है। 11 बजे पटना के मुख्यमंत्री आवास 1 अन्ने मार्ग में सभी विधायकों और सांसदों को बुलाया गया है। पहले दौर में नीतीश कुमार जदयू के सभी 16 सांसदों के साथ बैठक करेंगे, जिसमें दिल्ली में पार्टी की राजनीति में क्या कुछ बदलाव होगा, इस पर चर्चा होगी।
2. दूसरे राउंड की बैठक फैसला
बैठक का दूसरा राउंड सिर्फ विधायकों के साथ होगा। इस बैठक में बिहार की मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी। ष्टरू इस बैठक में ही फैसला लेंगे कि वो रहेंगे या नहीं। बैठक में संगठन के कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी बुलाया गया है।
3. फ्लोर टेस्ट के लिए पहले से ही तैयारी
इस बैठक में यदि बात बनी तो, ये तय होगा कि अगली सरकार किसके साथ बनाई जाए। इसके बाद सभी विधायकों को पटना में अगले 72 घंटों तक रहने का निर्देश दिया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि गठबंधन टूटने के बाद अगले गठबंधन को फ्लोर टेस्ट में जाना होगा। ऐसे में सभी विधायकों का पटना में रहना अनिवार्य है।
4. सरकार गिरी, तो बर्खास्त होंगे भाजपा के मंत्री
सूत्रों के मुताबिक अगर बिहार में गठबंधन से अलग होने का नीतीश कुमार फैसला करते हैं, तो भाजपा कोटे के सभी मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया जाएगा। 2013 में भी नीतीश कुमार ने ऐसा ही किया था।